
पौराणिक मान्यता है कि शेष तीन धामों में बद्रीनाथ सतयुग से, श्री रामेश्वरम् त्रेता युग से तथा द्वारका धाम द्वापर युग से संबंधित है किंतु कलियुग में सबसे पावनकारी धाम के रूप में जगन्नाथ पुरी की गणना भारत की आत्मा स्वर्ग के मार्ग के रूप में की जाती है। इस परम धाम की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। वैसे यहां बैशाख तृतीया से ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी तक 21 दिवसों की चन्दन यात्रा होती है किन्तु आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तक नौ दिवसीय जगन्नाथपुरी रथ यात्रा महोत्सव इस धाम का सबसे भव्य आयोजन माना जाता है।
उड़ीसा के समुद्र तट के सुरम्य स्थल पुरी में भगवान जगन्नाथ सनातन धर्म के प्रधान देवता एवं विष्णु के स्वरूप में स्थापित हैं। उनका आकर्षण और महिमा देश-काल, भौगोलिक, सांस्कृतिक तथा धर्म संप्रदायों की कृत्रिम सीमाओं से परे हैं। इसीलिए जगन्नाथजी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतनी ख्याति प्राप्त है। जगन्नाथ जी को जगत का नाथ, ब्रह्मांड के भगवान, जगत के ईश अर्थात् संपूर्ण सृष्टि के अधिष्ठात्र माना गया है।
जगन्नाथ सम्प्रदाय कितना पुराना है, यह कब उत्पन्न हुआ? इतिहास में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है किंतु वैदिक साहित्य, धर्मशास्त्र एवं पुराणों में जगन्नाथजी का जगदीश, पुरुषोत्तम, विष्णु अवतार के रूप में विद गुणगान किया गया है। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ शबर जनजातीय समुदाय से संबंधित हैं, वे लोग इनकी बड़े गोपनीय ढंग से पूजा करते थे। कालान्तर में इन्हें पुरी में स्थापित किया गया। पुरी में वैष्णव, शैव, शाक्त, गणपति, जैन बौद्ध एवं संप्रदायों की न केवल पीठ स्थित है वरन् उनका जगन्नाथजी से साम्य भी स्थापित है। अनेकानेक धर्मगुरु जैसे शंकराचार्य, माधवाचार्य, निम्बकाचार्य, सायण, रामानुज, रामानन्द, तुलसीदास, नानक, कबीर तथा चैतन्य महाप्रभु ने यहां पूजा-अर्चना की। शंकराचार्य ने जगन्नाथ में ही 'गोवर्धन पीठ' की स्थापना कर 'जगन्नाथष्टक' का संकलन भी किया।
Esta historia es de la edición March 2025 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición March 2025 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar

क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां
स्वस्थ त्वचा ही किसी भी महिला के लिए सर्वोत्तम मेकअप होती हैं, मगर झुर्रियां चेहरे से उसकी यह रौनक छीन लेती हैं। क्या हैं झुर्रियां होने के कारण और क्या हैं इनके निवारण, जानिए इस लेख के द्वारा।

त्वचा के लिए जरूरी हैं ये विटामिन और मिनरल्स
त्वचा के भीतरी पोषण के लिए ज़रूरी है कि इसे पोषणयुक्त दुलार दिया जाए। त्वचा किस प्रकार की है, इस आधार पर ही किसी के शरीर की कार्यशीलता का पता लगाया जा सकता है। तो आइए, इसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानते हैं

गर्भपात के बाद की कमज़ोरी से ऐसे निपटें!
किसी महिला का गर्भपात होना शारीरिक और मानसिक, दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है, इसलिए जानिए कि किसी महिला को इसके बाद अपना विशेष ध्यान कैसे रखना चाहिए।

आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।

पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय
अच्छा पाचनतंत्र बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है। अगर आपका पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखें

राशि अनुसार करें रंगों का चयन
रंगों का महत्त्व केवल होली तक ही सीमित नहीं, बल्कि मनुष्य के स्वभाव, उसके भविष्य एवं उसके स्वास्थ्य से भी इसका सीधा संबंध होता है।

होली एक रंग अनेक
रंगों का पर्व होली पूरे भारत में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के हर क्षेत्र में होली के विविध रूप रंग, प्रथा, मेले आदि देखने को मिलते हैं। आइए लेख के माध्यम से इस पर्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा करें।

धरती का बैकुंठ है पुरी का जगन्नाथ धाम
चार धामों में एक प्रमुख धाम, ओडिशा का जगन्नाथ धाम है। जगन्नाथ धाम की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है जिसमें शामिल होने के लिए भक्तगण देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। आइए जगन्नाथ धाम की महिमा पर लेख में विस्तार से चर्चा करें।

ऊर्जा का रूपांतरण
जिसे तुम 'जीवन' कहते हो या जिसे तुम ‘मैं” कहते हो, वह ऊर्जा है। तुम जितने जीवंत हो, तुम जितने जागृत हो, उतने ही तुम ऊर्जावान होते हो।

क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?
3 अप्रैल से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है, जिसके पंजीकरण की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो चुकी है।